
एनसीपी प्रमुख शरद पवार
– फोटो : ANI (File)
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सार
प्रफुल्ल पटेल के अनुसार कांग्रेस के काम करने की पद्धति अलग है। कांग्रेस सुनियोजित तरीके से पार्टी में बगावत के जरिए क्षेत्रीय नेतृत्व को कमजोर करती है। साल 1989 में इसका पहला झटका शरद पवार को लगा था…
विस्तार
प्रफुल्ल पटेल ने शनिवार को शरद पवार के जन्मदिन पर कई अखबारों में लेख लिखा है जिसमें उन्होंने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा है। हालांकि बाद में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने सफाई दी कि उन्होंने लेख में उस समय का जिक्र किया है जब शरद पवार और वह खुद कांग्रेस में थे। पटेल ने लिखा है कि यदि वर्ष 1996 में शरद पवार को प्रधानमंत्री बनाया गया होता तो केंद्र में कांग्रेस की सरकार बन सकती थी। लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिंहाराव के कारण एचडी देवगौड़ा प्रधानमंत्री बने।
प्रफुल्ल पटेल के अनुसार कांग्रेस के काम करने की पद्धति अलग है। कांग्रेस सुनियोजित तरीके से पार्टी में बगावत के जरिए क्षेत्रीय नेतृत्व को कमजोर करती है। साल 1989 में इसका पहला झटका शरद पवार को लगा था। वरना साल 1989 में भी पवार प्रधानमंत्री बन सकते थे। लेकिन उस समय कांग्रेसी नेता आरके धवन और माखनलाल फोतेदार ने बड़ा षडयंत्र रचा जिसके चलते पवार प्रधानमंत्री नही बन सके।
कांग्रेस ने हर वक्त पवार का अपमान किया
प्रफुल्ल पटेल के अनुसार जब सीताराम केसरी कांग्रेस के अध्यक्ष थे, तब इंद्रकुमार गुजराल प्रधानमंत्री बने थे। उस समय शरद पवार ने प्रधानमंत्री पद की अपनी दावेदारी सहज ही छोड़कर राजनीतिक महत्वाकांक्षा का गला दबा दिया था। 13 दिन की अटल बिहारी वाजपेयी सरकार को गिराने में शरद पवार का अहम योगदान था। उसके बाद पवार को महत्व मिलना चाहिए था लेकिन नहीं मिला। कांग्रेस ने हमेशा पवार का अपमान किया।
पवार यूपीए अध्यक्ष बने तो अच्छा लगेगा- शिंदे
यूपीए अध्यक्ष पद को लेकर शुरू हुई अटकलें नहीं थम रही है। शनिवार को शरद पवार के जन्मदिन के उपलक्ष्य में उन्हें शुभकामनाएं देते हुए पूर्व केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कहा कि अगर पवार यूपीए चेयरमैन बनते हैं तो उन्हें अच्छा लगेगा। हालांकि खुद शरद पवार खुद को यूपीए अध्यक्ष बनाने की खबरों को निराधार बता चुके हैं।