
अमर उजाला नेटवर्क, शिमला
Updated Tue, 08 Dec 2020 10:46 AM IST
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ऐसे में हिमाचल प्रदेश के अलावा जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में इनकी जनसंख्या की निगरानी की जाएगी। साथ ही सभी पहाड़ी राज्यों में दाढ़ी वाले गिद्धों की साइटिंग को रिपोर्ट करने का तंत्र तैयार किया जाएगा। इसके साथ ही हर राज्य में एक कम से कम एक गिद्ध सुरक्षित जोन बनाए जाएंगे। हालांकि, इसके लिए कम से कम दो प्रजातियां मिलने और कम से कम सौ किलोमीटर के क्षेत्र में जहरीले पदार्थों की कम मौजूदगी हो। गिद्धों की गणना गुजरात की तर्ज पर की जाएगी जहां वन कर्मियों के साथ साथ एनजीओ व आम लोगों का सहयोग लिया गया था।