
वित्त मंत्री ने कहा कि हम किसानों की शंकाओं के समाधान के लिए बातचीत को तैयार हैं. (फाइल फोटो)
Nirmala Sitharaman on Farmer Protest: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, विपक्ष किसान की हलचल पर राजनीति खेल रहा है. आंदोलन को देश विरोधी ताकतों द्वारा हाईजैक कर लिया गया है.
- News18Hindi
- Last Updated:
December 12, 2020, 10:38 PM IST
नई दिल्ली. दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर किसानों का प्रदर्शन (Farmer Protest) लगातार जारी है. किसानों के प्रदर्शन पर पहली बार केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Union Finance Minister Nirmala Sitharaman) की प्रतिक्रिया सामने आई है. न्यूज18 इंडिया के साथ खास बातचीत में निर्मला सीतारमण ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि किसानों का इस्तेमाल राजनीतिक लाभ के लिए किया जा रहा है.
उन्होंने कहा, विपक्ष किसान की हलचल पर राजनीति खेल रहा है. आंदोलन को देश विरोधी ताकतों द्वारा हाईजैक कर लिया गया है. सीतारमण ने कहा कि किसानों को ऐसे लोगों से दूर रहना चाहिए जो उनका इस्तेमाल “राजनीतिक पुनरुत्थान” के लिए करना चाहते हैं. निर्मला सीतारमण ने कहा कि किसानों को एमएसपी को लेकर चल रही अफवाहों पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं देना चाहिए. कृषि मंत्री किसानों की मांग को लेकर गंभीर हैं.
किसानों ने सरकार का प्रस्ताव किया खारिजबता दें कि कृषि सुधार के कानूनों को रद करने और एमएसपी की गारंटी देने का कानून बनाने की मांग पर अड़े किसानों ने सरकार के संशोधन प्रस्तावों को खारिज कर दिया है. अपनी मांगों पर अड़े किसानों ने 14 दिसंबर को देशव्यापी प्रदर्शन की धमकी दी है. अपनी मांगों के माने जाने तक आंदोलन को और तेज करने का फैसला किया है. इस बीच किसानों के समर्थन में विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति से मुलाकात कर कृषि कानूनों को रद करने की मांग की.
किसान नेताओं का कहना है कि तीनों कृषि कानून रद्द किए जाएं और न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी की गारंटी वाला कानून लाया जाए. किसान संगठनों के नेताओं मुताबिक उत्तर भारत के सभी किसानों के लिये 14 दिसंबर को ‘दिल्ली चलो’ का आह्वान किया गया है, जबकि दक्षिण भारत में रहने वाले किसानों से जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन के लिये कहा गया है. किसान नेताओं ने कहा कि वे 14 दिसंबर को भाजपा के मंत्रियों, पार्टी के जिला कार्यालयों का घेराव करेंगे और पार्टी के नेताओं का बहिष्कार करेंगे.
सरकार विचार करने के लिए तैयार
कृषि मंत्रालय में संयुक्त सचिव विवेक अग्रवाल की तरफ से भेजे गए मसौदा प्रस्ताव में सरकार की तरफ से कहा गया है कि नये कृषि कानूनों को लेकर किसानों की जो आपत्तियां हैं, उन पर सरकार खुले दिल से विचार करने के लिए तैयार है. इसमें, हालांकि नये कृषि कानूनों को रद्द करने संबंधी प्रदर्शनकारी किसानों की मुख्य मांग का कोई उल्लेख नहीं है.