
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, रांची
Updated Mon, 07 Dec 2020 08:08 PM IST
सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : सोशल मीडिया
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झारखंड में सुअर मारने वाले बम को लड्डू समझकर खाने से एक आदमी और एक डॉगी की मौत हो गई। यह घटना झारखंड के साहिबगंज जिले के बोरिया थाना क्षेत्र की दुर्गी टोला पंचायत के तेतरिया पहाड़ की है। यहां 35 साल के गुली पहाड़िया ने सुअर मारने वाले बारूद के गोले को लड्डू समझकर खा लिया। जैसे ही उसने उस गोले को चबाया, विस्फोट हो गया और उसका जबड़ा फट गया। मौके पर ही शख्स की मौत हो गई।
नशे में था युवक
इस संबंध में बोरिया थाना प्रभारी लव कुमार सिंह ने बताया कि गुली बोरियो हाट से झोले में जंगली सुअर मारने के लिए बारुद लेकर आ रहा था। इससे वह फसलों की सुअर से रखवाली करता था। बोरिया हाट से 20 किमी सफर करने के बाद वह रात में तेतरिया पहाड़ पहुंचा। उस वक्त वह नशा किए था। नशे में ही वह बारूद के गोले को लड्डू समझकर खा गया। एक गोला उसने खाया और अपने डॉगी को भी खिलाया। बम खाने से दोनों की मौत हो गई। सूचना मिलते ही पुलिस ने घटना स्थल पर पहुंचकर मामले का संज्ञान लिया। जांच के समय पुलिस को गुली के झोले में कुछ और बारूद के गोले मिले।
ऐसे बनता है बम
बारुद का गोला बनाने के लिए बारूद के साथ शीशे व मांस के टुकड़े मिलाए जाते हैं। इन बमों को खेत के बीच में रखा जाता है। जब जंगली सुअर खेत में आता है, तो वह मांस की गंध की वजह से बम के पास जाता है और उसे खा लेता है। इस तरह खेत की रक्षा हो जाती है।
पुलिस कर रही मामले की जांच
पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है। ग्रामीणों का कहना है कि उनके इलाके में सुअरों से खेतों को बचाने के लिए बारूद के गोलों का इस्तेमाल करना आम बात है। अधिकतर लोग अपने खेत बचाने के लिए ऐसा करते हैं, लेकिन कोई उस बारूद के गोले को लड्डू समझकर खा जाए, ऐसा शायद पहली बार हुआ है।
नशे में था युवक
इस संबंध में बोरिया थाना प्रभारी लव कुमार सिंह ने बताया कि गुली बोरियो हाट से झोले में जंगली सुअर मारने के लिए बारुद लेकर आ रहा था। इससे वह फसलों की सुअर से रखवाली करता था। बोरिया हाट से 20 किमी सफर करने के बाद वह रात में तेतरिया पहाड़ पहुंचा। उस वक्त वह नशा किए था। नशे में ही वह बारूद के गोले को लड्डू समझकर खा गया। एक गोला उसने खाया और अपने डॉगी को भी खिलाया। बम खाने से दोनों की मौत हो गई। सूचना मिलते ही पुलिस ने घटना स्थल पर पहुंचकर मामले का संज्ञान लिया। जांच के समय पुलिस को गुली के झोले में कुछ और बारूद के गोले मिले।
ऐसे बनता है बम
बारुद का गोला बनाने के लिए बारूद के साथ शीशे व मांस के टुकड़े मिलाए जाते हैं। इन बमों को खेत के बीच में रखा जाता है। जब जंगली सुअर खेत में आता है, तो वह मांस की गंध की वजह से बम के पास जाता है और उसे खा लेता है। इस तरह खेत की रक्षा हो जाती है।
पुलिस कर रही मामले की जांच
पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है। ग्रामीणों का कहना है कि उनके इलाके में सुअरों से खेतों को बचाने के लिए बारूद के गोलों का इस्तेमाल करना आम बात है। अधिकतर लोग अपने खेत बचाने के लिए ऐसा करते हैं, लेकिन कोई उस बारूद के गोले को लड्डू समझकर खा जाए, ऐसा शायद पहली बार हुआ है।