
चंडीगढ़ नगर निगम।
– फोटो : अमर उजाला
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वार्ड नंबर दो, जिसमें एक से दस सेक्टर शामिल हैं। वहां करीब 11 हजार वोटर हैं, जबकि वार्ड 15 में वोटरों की संख्या 27 हजार के आसपास है। इसी तरह से वार्ड एक में 13 हजार वोटर हैं, जबकि वार्ड 26 व 28 में करीब 24 हजार। इसका सबसे ज्यादा असर नगर निगम चुनाव के उम्मीदवार पर पड़ेगा।
नगर निगम चुनाव में हर उम्मीदवार को सामान चुनाव खर्च की स्वीकृति दी जाती है। लोकसभा चुनाव में वोटर संख्या के हिसाब से चुनावी खर्च की सीमा बढ़ जाती है लेकिन नगर निगम में ऐसा प्रावधान नहीं है। जाहिर है जिस वार्ड में वोट ज्यादा हैं, उसका क्षेत्रफल भी बड़ा होगा और चुनाव लड़ने में उतना ही खर्च करना पड़ेगा, जितना छोटी आबादी वाले वार्ड के उम्मीदवार को करना है।
इसका असर वार्ड के विकास पर भी पड़ेगा। हालांकि चंडीगढ़ में वार्ड के मुताबिक पैसों का आवंटन नहीं होता है लेकिन जिसका इलाका बड़ा होगा, उसे अपने वार्ड के विकास के लिए ज्यादा जद्दोजहद करनी पड़ेगी। बजट के लिए जूझना पड़ेगा, इसीलिए एक्ट में प्रावधान भी दिया गया है कि हर वार्ड में वोटरों की संख्या सामान होनी चाहिए।