
प्रमोद सेमवाल, अमर उजाला, गोपेश्वर
Updated Mon, 14 Dec 2020 02:19 AM IST
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सार
- गांव तक पहुंचने के लिए सात किमी पैदल दूरी नापने को मजबूर हैं ग्रामीण
- सड़क नहीं होने से गांव में बढ़ा है पलायन
विस्तार
गांव में एक दशक पूर्व जहां करीब 150 परिवार निवास करते थे, लेकिन गांव की पैदल दूरी अधिक होने से यहां ग्रीष्मकाल में अब करीब 50 परिवार ही पहुंचते हैं। द्रोणागिरी गांव के लिए वर्ष 2008 में शासन ने 6.6 किमी सड़क निर्माण के लिए मंजूरी दी।
इसके लिए 10 करोड़ 94 लाख रुपये भी स्वीकृत हुए। विषम भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद सड़क का निर्माण कार्य चार किमी से अधिक हो गया है। लोनिवि के अधिकारियों का कहना है कि अगले साल तक सड़क द्रोणागिरी गांव पहुंच जाएगी। सड़क से द्रोणागिरी गांव के साथ ही कागा और गरपक गांव को भी यातायात का लाभ मिलेगा।
प्रधान संगठन के जिला महामंत्री पुष्कर सिंह राणा का कहना है कि द्रोणागिरी के साथ ही कागा और गरपक गांव के ग्रामीण शीतकाल में जिले के निचले क्षेत्रों में और ग्रीष्मकाल के छह माह अपने पैतृक गांवों में निवास करते हैं।
सड़क न होने से अब कई परिवार अपने पैतृक गांवों में नहीं लौट रहे हैं। गांव सड़क से जुड़ेंगे तो गांव फिर से आबाद हो जाएंगे। लोनिवि के अधीक्षण अभियंता मुकेश परमार ने बताया कि अगले साल तक द्रोणागिरी गांव सड़क से जुड़ जाएगा। चार किमी तक मार्ग बनकर तैयार हो गया है।