
अमर उजाला नेटवर्क, शिमला
Updated Sat, 12 Dec 2020 10:13 PM IST
सब्जी एवं फल उत्पादक संघ के अध्यक्ष हरीश चौहान
– फोटो : अमर उजाला
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हालांकि, न्यूनतम समर्थन मूल्य का असर हिमाचल और उत्तराखंड के किसानों और बागवानों पर ज्यादा नहीं पड़ता है। हिमाचल में बागवानों को समर्थन मूल्य सरकार देती रही है। इसके बाद भी हिमाचल के किसान देश भर के किसानों के साथ आंदोलन में हैं। कहा कि देश के किसानों की 14 मांगों को मानने को केंद्र सहमति है। केंद्र सरकार एपीएमसी को मजबूत बनाने और निजी क्षेत्र पर राज्य सरकार को टैक्स लगाने को सहमत हो गई है। देश के किसानों को फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य देने की मांग प्रमुख है।