
सात फरवरी को चमोली में आपदा के बाद बाढ़ की गाद (सिल्ट) हरिद्वार पहुंचनी शुरू हो गई। मौनी अमावस्या पर सिल्ट युक्त कम पानी में श्रद्धालुओं को स्नान करना पड़ा। सिल्ट के साथ बृहस्पतिवार को गंगा की मुख्य धारा का जलस्तर भी गिरकर 9300 क्यूसेक रह गया। इसका असर हरकी पैड़ी पर दिखा। मेला प्रशासन के मुताबिक, मौनी अमावस्या पर करीब तीन लाख 76 हजार श्रद्धालुओं ने स्नान किया।