
स्वास्थ्य सचिव ने राज्यपाल से मुलाकात की।
– फोटो : अमर उजाला
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हजारों फर्जी डिग्रियां बेचने के आरोप में फंसे मानव भारती विश्वविद्यालय (एमबीयू) से नियमित व सही तरीके से पढ़ाई कर पास होने वाले विद्यार्थियों के पक्ष में अब राजभवन उतर आया है। राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने हिमाचल प्रदेश सरकार को निर्देश दिए हैं कि वह इस विश्वविद्यालय से पास हुए नियमित विद्यार्थियों के लिए नई नीति बनाए, ताकि उनके भविष्य पर मंडरा रहे खतरे से उन्हें बचाया जा सके। कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए अब तक उठाए गए कदमों की जानकारी देने शुक्रवार को राजभवन पहुंचे स्वास्थ्य सचिव अमिताभ अवस्थी को राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने उक्त कार्रवाई करने को कहा है।
गौरतलब है कि एमबीयू से फिजियोथैरेपिस्ट का कोर्स पूरा करने वाले युवाओं ने कुछ दिन पहले राज्यपाल से मुलाकात की थी। विद्यार्थियों ने विश्वविद्यालय से नियमित पढ़ाई कर पास होने के बाद उनके साथ हो रही नाइंसाफी को रोकने के लिए नीति बनाने की मांग की थी, लेकिन अब तक कार्रवाई नहीं हुई। राज्यपाल ने उनकी बात सुनने के बाद अब प्रदेश सरकार से इस संबंध में कार्रवाई करने को कहा है। बता दें कि राज्यपाल से मिलने आए कुछ विद्यार्थियों ने एमबीयू की बदनामी की वजह से उनका रोजगार छिनने की भी शिकायत की है।
सीआईडी कर रही एक और एफआईआर की तैयारी
फर्जी डिग्री मामले में फंसे एमबीयू के खिलाफ सीआईडी, पुलिस और प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई के बाद अब सीआईडी एक और एफआईआर दर्ज करने की तैयारी में है। सूत्रों का कहना है कि इसमें विश्वविद्यालय को स्थापना की मंजूरी देने के लिए बने प्रस्ताव में की गई गड़बड़ी की जांच की जाएगी। डीजीपी संजय कुंडू ने पहले ही संकेत दिए थे कि जांच में जिसके भी खिलाफ तथ्य सामने आएंगे, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।
36 हजार डिग्रियां फर्जी, मात्र पांच हजार सही
एसआईटी की अब तक की जांच में करीब 36 हजार फर्जी डिग्रियां मिली हैं। इसके अलावा करीब पांच हजार डिग्रियों को हिमाचल प्रदेश निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग ने सही भी बताया है। चूंकि विश्वविद्यालय में दबिश के दौरान जांच अधिकारियों को चौदह हार्ड डिस्क मिली थीं, जिनमें से अभी कई दस्तावेजों की जांच बाकी है।