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दिल्ली परिवहन निगम डीटीसी और क्लस्टर बसों की कमी के कारण दिल्लीवासियों को गंतव्य तक पहुंचने के लिए काफी इंतजार करना पड़ रहा है। हैरानी की बात यह है कि इंतजार कितना लंबा होगा इसकी जानकारी भी न मिलने से यात्रियों की परेशानी और बढ़ गई है। मेट्रो यात्रियों को अगर किसी स्टेशन पर इंतजार करना पड़ता है तो सोशल मीडिया पर इसकी सूचना पहले ही दे दी जाती है।
बस स्टॉप पर पैसेंजर इंफॉर्मेशन सिस्टम पीआईएस न होने की वजह से यात्री परेशान होकर समय पर गंतव्य पहुंचने के लिए दूसरे परिवहन साधनों को अपना रहे हैं। दिल्ली की सड़कों पर डीटीसी और क्लस्टर की 6500 से अधिक बसें यात्रियों को सेवाएं दे रही हैं।
संक्रमण से बचाव के लिए बसों में सोशल डिस्टेंसिंग के पालन के मद्देनजर सीट से अधिक यात्रियों को सफर की इजाजत नहीं है। इस वजह से बसों में कम यात्री सफर कर पा रहे हैं। 26 जनवरी को दिल्ली में हुए उपद्रव के दौरान भी डीटीसी की 45 बसें क्षतिग्रस्त हुईं। इससे भी बसों की कमी हुई जिसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। डीटीसी अधिकारियों के मुताबिक अधिक यात्रियों को सफर का मौका मिले इसके लिए प्रस्ताव भेजा गया है।
सीट फुल होने पर उतार दिए जाते हैं यात्री
बसों में सीट फुल होने पर बसें स्टॉप पर नहीं रुकती है। आउटर रिंग रोड पर रोजाना शाम के वक्त यात्रियों को मंगोलपुरी पीरागढ़ी पर आधा से एक घंटे तक का इंतजार करना पड़ रहा है। सुबह के वक्त धौलाकुआं पर भी बृहस्पतिवार को यात्रियों को काफी इंतजार करना पड़ा। बस से अगर दो यात्री किसी स्टॉप पर उतरता है तो उसमें तीन यात्रियों के सवार होने से पहले ही रोक दिया जाता है। अगर गलती से एक भी यात्री अधिक हो जाए तो उन्हें उतारने के बाद ही बस को रवाना किया जाता है।