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ऐसे में प्रदेश सरकार ने कर्ज लेने की वार्षिक सीमा के ऊपर चले जाने के बावजूद केंद्र सरकार से भारत के संविधान के अनुच्छेद 293-3 के तहत विशेष अनुमति ली है। सरकार ने इस कर्ज को लेने के पीछे का कारण विकास कार्यों के लिए व्यय बताया है। यह कर्ज लेने के लिए सरकार ने 500-500 करोड़ रुपये की दो अधिसूचनाएं जारी की हैं। एक अधिसूचना के अनुसार 500 करोड़ रुपये का कर्ज 17 फरवरी, 2035 तक चुका दिया जाएगा। दूसरी अधिसूचना के अनुसार 500 करोड़ रुपये का दूसरा कर्ज 17 फरवरी, 2036 तक चुका दिया जाएगा। ब्याज साल में दो बार 17 फरवरी और 17 अगस्त को चुकाया जाएगा। पिछले महीने सरकार ने एक हजार करोड़ रुपये का ऋण लिया था। करीब एक महीने के अल्पकाल में ही फिर से इसकी अधिसूचनाएं जारी हुई हैं।