
किसान एक्सप्रेस ट्रेन(प्रतीकात्मक)
– फोटो : Social Media
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शुक्रवार को विधानसभा स्थित सभागार में कृषि एवं उद्यान मंत्री सुबोध उनियाल की अध्यक्षता में रेलवे और उद्यान विभाग के अधिकारियों के साथ हुई बैठक में किसान रेल चलाने का फैसला लिया गया। मंत्री ने कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने के लिए किसान रेल चलाने का फैसला लिया गया है।
इस रेल से प्रदेश के किसान अपने फल, सब्जी व फूलों को विभिन्न राज्यों में लगने वालीं मंडियों तक पहुंचा सकेंगे। इस रेल में किसानों के उत्पादों के परिवहन की लागत में 50 प्रतिशत सब्सिडी केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय की ओर से दी जाएगी।
रेलवे के एडिशनल डीआरएम मुरादाबाद निर्भय सिंह ने बताया कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए किसान रेल चलाना रेल मंत्रालय का ड्रीम प्रोजेक्ट है। देश के 150 क्षेत्रों में किसान रेल शुरू हो चुकी है। जहां से किसान के उत्पादों को देश के अन्य क्षेत्रों में भेजा जा रहा है।
ट्रेन संचालन के लिए 23 मीट्रिक टन उत्पाद जरूरी
किसान रेल राज्यों की मांग व आवश्यकता के अनुसार चलाई जाएगी। इसके लिए कृषि उत्पादों की उपलब्धता कम से कम 23 मीट्रिक टन होनी चाहिए। कृषि एवं उद्यान मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि उत्तराखंड में फल, सब्जी, फूलों का बड़े पैमाने पर उत्पादन किया जाता है, लेकिन कौन सा उत्पाद किस मात्रा में उपलब्ध है, यह जानने के लिए मंडी समितियों के माध्यम से सर्वे किया जाएगा। इस सर्वे से इस क्षेत्र में किसान रेल संचालन की समय अवधि के अंतराल का निर्धारण करने में मदद मिलेगी।