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नई दिल्ली। लंबे इंतजार के बाद शिक्षा निदेशालय ने निजी स्कूलों में नर्सरी, केजी व पहली कक्षा में दाखिले के लिए गाइडलाइंस जारी कर दी हैं। अब शिक्षा निदेशालय ने इन कक्षाओं में आर्थिक पिछड़े वर्ग व वंचित वर्ग के दाखिले की तैयारी शुरू कर दी है। जल्द ही इन वर्गों के दाखिले के लिए भी गाइडलाइंस जारी की जाएंगी। बीते सालों की तरह दाखिले ऑनलाइन ही होंगे।
निदेशालय ने सभी जिला उपशिक्षा अधिकारियों से स्कूलों की अपडेट की हुई सूची उपलब्ध कराने को कहा है। साथ ही सीटों की जानकारी भी उपलब्ध करानी होगी। सहायक शिक्षा निदेशक योगेश पाल सिंह ने सभी जिला उपशिक्षा निदेशकों को निर्देशित किया है कि वह निजी स्कूलों के संबंध में सभी जानकारी व उनकी सूची 15 फरवरी तक उपलब्ध कराएं। ये जानकारी इसके लिए जारी फॉर्मेट में मांगी गई है।
स्कूलों की जीपीएस लोकेशन उपलब्ध कराने को कहा गया है, जिसमें स्कूल के अक्षांश (लेटीट्यूट) व देशांतर (लांगिट्यूड) का पता चल सके। साथ ही सूची में जो नए स्कूल जुड़े हों या फिर स्कूल किसी दूसरे परिसर में शिफ्ट हुआ हो, उसकी जानकारी देनी होगी। इससे ऑनलाइन दाखिले के समय अभिभावकों को स्कूल का चयन करने में दिक्कत नहीं आएगी।
निदेशालय की ओर से कहा गया है कि वह तय तिथि तक हर हाल में यह जानकारी उपलब्ध करा दें जिससे समय से ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया शुरू करने के लिए आवश्यक कार्रवाई की जा सके। निजी स्कूलों में नर्सरीे, केजी व पहली कक्षा में आर्थिक पिछड़े वर्ग (ईडब्लयूएस) व वंचित वर्ग (डीजी), दिव्यांग श्रेणी की 25 फीसदी सीटें निर्धारित हैं। इनके दाखिले सेंट्रलाइज्ड ऑनलाइन लॉटरी से होते हैं।
नई दिल्ली। लंबे इंतजार के बाद शिक्षा निदेशालय ने निजी स्कूलों में नर्सरी, केजी व पहली कक्षा में दाखिले के लिए गाइडलाइंस जारी कर दी हैं। अब शिक्षा निदेशालय ने इन कक्षाओं में आर्थिक पिछड़े वर्ग व वंचित वर्ग के दाखिले की तैयारी शुरू कर दी है। जल्द ही इन वर्गों के दाखिले के लिए भी गाइडलाइंस जारी की जाएंगी। बीते सालों की तरह दाखिले ऑनलाइन ही होंगे।
निदेशालय ने सभी जिला उपशिक्षा अधिकारियों से स्कूलों की अपडेट की हुई सूची उपलब्ध कराने को कहा है। साथ ही सीटों की जानकारी भी उपलब्ध करानी होगी। सहायक शिक्षा निदेशक योगेश पाल सिंह ने सभी जिला उपशिक्षा निदेशकों को निर्देशित किया है कि वह निजी स्कूलों के संबंध में सभी जानकारी व उनकी सूची 15 फरवरी तक उपलब्ध कराएं। ये जानकारी इसके लिए जारी फॉर्मेट में मांगी गई है।
स्कूलों की जीपीएस लोकेशन उपलब्ध कराने को कहा गया है, जिसमें स्कूल के अक्षांश (लेटीट्यूट) व देशांतर (लांगिट्यूड) का पता चल सके। साथ ही सूची में जो नए स्कूल जुड़े हों या फिर स्कूल किसी दूसरे परिसर में शिफ्ट हुआ हो, उसकी जानकारी देनी होगी। इससे ऑनलाइन दाखिले के समय अभिभावकों को स्कूल का चयन करने में दिक्कत नहीं आएगी।
निदेशालय की ओर से कहा गया है कि वह तय तिथि तक हर हाल में यह जानकारी उपलब्ध करा दें जिससे समय से ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया शुरू करने के लिए आवश्यक कार्रवाई की जा सके। निजी स्कूलों में नर्सरीे, केजी व पहली कक्षा में आर्थिक पिछड़े वर्ग (ईडब्लयूएस) व वंचित वर्ग (डीजी), दिव्यांग श्रेणी की 25 फीसदी सीटें निर्धारित हैं। इनके दाखिले सेंट्रलाइज्ड ऑनलाइन लॉटरी से होते हैं।